2. ज्वेलरी के व्यवसाय में कई छोटे छोटे और जटिल व्यवहार होते है। इसके अलावा सोने की किमत भी लगातार बदलती रहती है। इस वजहसे व्यवसाय का मुनाफा निर्धारित करना मुश्किल होता है। इसके लिए क्या करें?
ज्वेलरी व्यवसाय में होनेवाले छोटे छोटे जटिल लेनदेन के कारण, इस धंदे में होने वाला मुनाफा निर्धारित करना मुश्किल तो है! लेकिन कुछ रिपोर्ट्स या स्टेटमेंट्स की ओर ध्यान दें और उनके अनुसार अभ्यासपूर्वक व्यावहारिक रूप से उसे अमल में लाएँ तो व्यवसाय की लाभप्रदता केवल समझ में नहीं आती बल्कि वह बढने में, निश्चित रूप से मदद भी मिलती है, इसलिये आपको लगातार अलग-अलग रिपोर्ट की जांच करनी चाहिए।
- समय समय पर ट्रेडिंग अकॉउंटसे ग्रॉस प्रॉफिटकी जाँच करते रहना।
- ज्वेलरी व्यवसाय की जटिलता के कारण, बनाने में पेचीदा ट्रेडिंग अकाउंट
व्यवस्थित रूप से; ज्यादा से ज्यादा सुलभ बनाएँ। - ग्रॉस प्रॉफिट के प्रतिशत के अनुसार अलग-अलग ट्रेडिंग अकाउंट्स बनाएँ।
- उपरोक्त छोटे कदम उठाने से ज्वेलरी व्यवसाय की की लाभप्रदता अधिक बेहतर और आसान तरीके से समझ में आती है।
- ज्वेलरी में इन्व्हेंटरी बहुत महंगी होने की वजह से कॅश फ्लो पर भी ध्यान रखना।
- हर एक बिल में होने वाला ग्रॉस प्रॉफिट ध्यान में आने की व्यवस्था करना।
- गहना आने के बाद, वह बेचा जाने तक सभी काम एक सुसूत्र श्रृंखला से जोडे
रखें। - इन्वेंट्री में किन वस्तुओं में कितनी लाभप्रदता है यह ढूँढ लें, जैसे की ऑर्नामेंट कितने रुपये में आया, कितने रुपये में बेचा गया आदि।
- प्रॉफिटॅबिलीटी का हिसाब लगाते समय इन्वेंट्री कॅरिंग डेज भी ध्यान में लेना।
- मायक्रो लेव्हल पर किसी भी इन्वेंट्री की इन्व्हेंटरी कॅरिंग कॉस्ट याने संबंधित गहना दुकान में कितने दिनों तक था इसकी भी जाँच करें।
- व्यवसाय में इन्वेंट्री कितनी बार रोटेट होती है या ज्वेलरी का इन्वेंट्री टर्न ओव्हर रेशो क्या है इस पर भी ध्यान रखें। इस वजह से कितना इन्वेंट्री लॉस या ऑपॉर्च्युनिटी लॉस हुआ यह भी पता चलता है।
कुल मिलाकर, ज्वेलरी व्यवसाय के प्रॉफिटॅबिलिटी की जाँच करनी हो, तो जटिल व्यवहारों के सटीक रिकॉर्ड रखना, पारंपरिक बुक्स ऑफ अकाउंट्स में से ग्रॉस प्रॉफिट देखना, प्रॉफिटॅबिलिटी के लिए ॲडव्हान्स अकाउंटिंग में कॅश फ्लो, जैसे स्टेटमेंट्स पर ध्यान रखना, इसके अलावा इन्वेंट्री कॅरिंग कॉस्ट के साथ हर एक ऑर्नामेंटमें कितना ग्रॉस प्रॉफिट हुआ और इन्वेंट्री के कितने टर्न होते हैं, ऐसे रिपोर्ट्स भी देखना अनिवार्य है।
यह सब ठीक से संभालने के लिए, ॲक्मे इन्फिनिटी सॉफ्टवेअर में ज्वेलरी व्यवसाय के छोटे छोटे तथा जटिल लेनदेन का ब्यौरेवार रिकॉर्ड रखने की सुविधा दी गयी है, जिसका वह सही सही अकाउंटिंग भी करता है, और सबसे महत्वपूर्ण बात , इन सभी रिकॉर्डस की पोस्टिंग या रूपांतरण; प्रॉफिटॅबिलिटी आसानी से समझ में आए ऐसे रिपोर्टस करता है, जो इस प्रकार है।
- समय समय पर ट्रेडिंग अकॉउंटसे ग्रॉस प्रॉफिट की जाँच करने के लिए।
- ज्वेलरी व्यवसाय का पेचीदा ट्रेडिंग अकाउंट, ॲक्मे इन्फिनिटी सॉफ्टवेअर
- बडी आसानी से, व्यवस्थित रूप से और ज्यादा से ज्यादा सुलभ बनाता है।
- कारीगर या मॅन्युफॅक्चरिंग प्रोसेस के संदर्भ में, इन्फिनिटी सॉफ्टवेअर के ट्रेडिंग अकाउंट में, २४ कॅरेट इश्यू गोल्ड, गोल्डस्मिथ इश्यू रिसिट, वर्क इन प्रोग्रेस, इसके अलावा कारीगर के पास या सब काँट्रॅक्टर के पास दिया हुआ अन्य मटेरियल ऐसी सभी चीजें कवर की गई हैं।
- ट्रेडिंग अकाउंट में मॅन्युफॅक्चरिंग प्रोसेस में होने वाला फायदा-नुकसान और घाटा – वेस्टेज का हिसाब का भी ध्यान रखा जाता है ।
- ट्रेडिंग अकाउंट में, रूपांतरण (conversion) के रिकॉर्ड भी ठीक से परिलक्षित होते हैं।
- जैसे ओल्ड गोल्ड में से कुछ वस्तुएँ न्यू गोल्ड में लेना या न्यू गोल्ड में से कुछ वस्तुएँ ओल्ड गोल्ड में रूपांतरित करना आदि।
- ट्रेडिंग अकाउंट केवल अमाऊंट में ही नही बल्कि वेट में भी उपलब्ध है। वैल्यूएशन (मूल्यांकन) के लिए ट्रेडिंग अकाउंट के दो तरीके उपलब्ध हैं। १) वेटेड ॲव्हरेज मेथड
और २) करंट रेट से वैल्यूएशन (मूल्यांकन) - कंपनी के ट्रेडिंग अकाउंट के साथ, हर शाखा के अनुसार भी अलग अलग लेकिन परिपूर्ण ट्रेडिंग अकाउंट तैयार होते हैं। यह सुविधा शाखा के अकाउंटिंग की दृष्टि से उपयुक्त होती है।
- ट्रेडिंग अकाउंट में बुक्स ऑफ अकाउंट का स्टॉक और दुकान में मौजूद प्रत्यक्ष स्टॉक, इनका रिकॅन्सिलिएशन स्टेटमेंट भी इन्फिनिटी में उपलब्ध है। जो ज्वेलरी व्यवसाय की दृष्टि से अनभिज्ञ किसी भी व्यक्ति के लिए समझना आसान है। जैसे.. बँक अधिकारी आदि।
- नेट प्रॉफिट जानने के लिए इन्फिनिटी सॉफ्टवेअर में प्रॉफिट अँड लॉस स्टेटमेंट भी उपलब्ध कराया गया है।
- ट्रेडिंग अकाउंट और प्रॉफिट अँड लॉस, ये दोनो स्टेटमेंटस, सॉफ्टवेअर में हमेशा अपडेट स्वरूप में उपलब्ध होते हैं
कुल मिलाकर, ॲक्मे इनफिनिटी में सबसे व्यापक और सर्वसमावेशक ट्रेडिंग अकाउंट उपलब्ध है, जो ज्वेलरी व्यवसाय की प्रॉफिटॅबिलिटी सटीकता से सामने लाता है।
- प्रॉफिटॅबिलिटी के लिए कॅश फ्लो पर ध्यान रखने के लिए
- स्वतंत्र कॅश फ़्लो स्टेटमेंट इन्फिनिटी सॉफ्टवेअर में उपलब्ध है।
- इस में रोकड का ऑपरेशनल (परिचालन) उपयोग, निवेश के लिए किया गया उपयोग, आर्थिक लेनदेन के लिए किया गया उपयोग, अलग अलग तरीकों से दर्शाया जाता है।
- इसी कारण ऍडव्हान्स अकाउंटिंग के युजर को बिजनेस की प्रॉफिटॅबिलिटी, ग्रॉस प्रॉफिट
और नेट प्रॉफिट के आगे जाकर कॅश फ्लो के जरिये देखना संभव होता है।
- हर एक बिल में होनेवाला ग्रॉस प्रॉफिट समझने के लिए
- गहना खरीदते समय या गोल्डस्मिथ रसीट करते समय, लेबर चार्जेस, मेकिंग चार्जेस और अन्य पर्चेस कॉस्ट व्यवस्थित भरने की सुविधा इन्फिनिटी सॉफ्टवेअर में दी गई है। इससे बारकोडिंग करते समय सभी पर्चेस कॉस्ट ऑटो कॅरी फॉरवोर्ड होकर सिक्युअर्ड पद्धति से स्टोअर्ड रहती है। इस प्रकार कोई भी गहना बेचने के बाद, उस गहने की पर्चेस कॉस्ट क्या थी, उसमें कितना ग्रॉस प्रॉफिट हुआ यह एक साधारण रिपोर्ट के जरिए समझ में आता है।
- गहनों के संदर्भ में, ग्रॉस प्रॉफिट का रिपोर्ट, आयटम कॅटेगरी के अनुसार भी मिलता है।
- प्रॉफिटॅबिलीटी का हिसाब लगाते समय इन्वेंट्री कॅरिंग डेज का कन्सिडरेशन होने के लिए
- गहनोंके ग्रॉस प्रॉफिट के रिपोर्ट्स में, इन्वेंट्री कॅरिंग डेज के दौरान, इन्वेंट्री पर लगनेवाले इंटरेस्ट का भी हिसाब किया जाता है, जिससे, हर एक ऑर्नामेंट का ग्रॉस प्रॉफिट बिल्कुल अचूक समझ में आता है।
- गहनों के मुव्हमेंट का प्रॉफिटॅबिलीटी पर होनेवाला असर देखने के लिए क्लोजिंग स्टॉक व्हर्सेस सेल्स रिपोर्ट, आयटम कॅटेगरी या दिन के हिसाब से भी इन्फीनिटी सॉफ्टवेअर में उपलब्ध है। जिसके जरिए इन्वेंट्री कितनी बार रोटेट हुई या इन्वेंट्री टर्न ओव्हर रेशो, आसानी से सामने आता है।
- ये सारी ब्यौरेवार चीजें, इन्वेंट्री के अच्छे तथा योग्य व्यवस्थापन के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होती हैं।
इस प्रकार, ॲक्मे इन्फिनिटी के इन्फिनिटी इआरपी के जरिए, ज्वेलरी व्यवसाय के जटिल लेनदेन की प्रॉफिटॅबिलिटी, फायदा या नुकसान, बडी आसानी से समझ में आता है। जिसमें अकाउंटिंग, इन्वेंट्री और ब्रंचेस पर भी अच्छा सोच विचार किया गया है।
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