3. दुकान में स्टॉक सहजता से मेल ही नहीं खाता, हमेशा कुछ ना कुछ गडबडी होती ही है! यह गडबडी कैसे टाल सकते हैं?

स्टॉक का मेल मिलाने की चतुःसूत्री

सोना, चांदी, प्लैटिनम जैसे धातु (रॉ मटेरियल), छोटे नाजुक गहने, कलर स्टोन्स, लूज डायमंड्स (अलग अलग व्हरायटी और कीमत के), गिफ्ट आर्टिकल्स, ऐसा स्टॉक याने ‘आकार छोटा पर क़ीमत बडी!’ इसलिए, कोई दो राय नहीं कि ज्वेलरी व्यवसाय में स्टॉक याने जोखिमभरा काम! और इसे संभालना मतलब सावधानी बरतने की चुनौती तो है। हालांकि, इस चुनौती को निभाते समय होनेवाली अफरातफरी से बचना हो, तो आपको आगे बताए गए चार काम करना होंगे।

  1. स्टॉक रखने की हर जगह का काम, स्वतंत्र विभाग के तौर पर करना।
  • हर विभाग का एक अलग अलग नाम,ज़िम्मेदार व्यक्ति और उनके अधिकार होने चाहिए।।
  • विभाग के अनुसार उसे नाम, वैसा व्यक्ति तथा उसे वैसे अधिकार भी प्रदान करें। परिणाम स्वरूप, हर जगह के स्टॉक पर उससे संबंधित, जिम्मेदार व्यक्ति का अच्छा नियंत्रण बना रहता है।
  1. ज्वेलरी के हर एक आयटम और उसके छोटे से छोटे पार्ट को भी स्वतंत्र पहचान देना।
  • सभी वस्तुओं को बारकोडिंग या टैगिंग करें।
  • यदि बारकोड संभव नहीं है, तो वस्तुओं के स्टॉक को लॉट /बॅच / पॅकेट के रूप में रखें।

इस वजह से, हर एक आयटम की दुकान में होनेवाली मुव्हमेंट शीघ्रता से ध्यान में आती है या उसे आसानी से ट्रॅक कर सकते हैं।

  1. हर एक स्टॉक या उसका प्रकार, उचित तथा अचूक वर्क-फ़्लो के जरिए ही संभालना।
  • विभिन्न प्रकार के स्टॉक के अनुसार, उन्हे संभालने की अलग-अलग कार्य-पद्धतियाँ विकसित करें।
  • संबंधित स्टॉक उसके कार्य-पद्धति से ही संभालने की आदत डाल लें।

नतीजतन, कौन सा स्टॉक कहाँ है यह हमेशा समझ में आता रहेगा और वह जिम्मेदार व्यक्ति
के पास ही रहेगा।

  1. हर रोज निश्चित अंतराल से और अलग अलग पद्धतियों से ज्वेलरी स्टॉक की जाँच करते
    रहना।
  • स्टॉक की जाँच सिर्फ किसी एक पद्धति से न करते हुए, संख्या, वजन, विभाग, व्यक्ति, इनके अनुसार भी स्टॉक क्रॉस चेक करते रहें।
  • स्टॉक की जाँच करने के लिए दिन का कोई निश्चित समय आरक्षित करके रखें।

उपरोक्त चारों मुद्दों को सहज और आसान तरीके से कार्यरत करने के लिए, ॲक्मे इन्फिनीटी सॉफ्टवेअर में अलग-अलग विशिष्ट सुविधाएं दी गई हैं। जो निम्नानुसार काम करती हैं।

  1. स्टॉक रखने की हर जगह का काम, स्वतंत्र विभाग के तौर पर करने के लिए…
  • स्टॉक के हर जगह का (स्वतंत्र विभाग के तौर पर) स्वतंत्र लोकेशन सॉफ्टवेअर में तैयार कर सकते हैं।
  • लोकेशन प्रमुख को अलग अलग व्यवहार ऑथोराईज्ड करने के अधिकार दे सकते हैं।
  • इन्फिनिटी सॉफ्टवेअर लोकेशन के अनुसार स्टॉक रिपोर्ट दिखाता रहता है।
  • लोकेशनके स्टॉक के एसएमएस जिम्मेदार व्यक्ति को जाते रहते हैं।

इससे हर एक छोटे छोटे विभाग के, हर एक छोटे छोटे स्टोअरेज पर अच्छा नियंत्रण रहता है।

  1. हर एक आयटम और उसके छोटे से छोटे पार्ट को स्वतंत्र पहचान देने के लिए
  • इन्फिनिटी सॉफ्टवेअर हर आयटम को एक युनिक नंबर (लेबल नंबर) देता है, जो बारकोड प्रिंट करके या RFID के जरिये संबंधित आयटम को लगाया जाता है।
  • अगर आयटम को, गहनों को बारकोड लगाना संभव नहीं है तो उसकी स्वतंत्र पहचान के लिए, पॅकेटस, लॉट या बॅच तैयार कर सकते हैं। आयटम के ॲट्रिब्यूट या क़ीमत केअनुसार पॅकेट तैयार होते हैं।
  • मुख्य रूप से लूज आयटम के स्टॉक के लिए यह विशेष पॅकेट्स पद्धति सुलभ और बहुत उपयोगी है,जैसे की लूज डायमंड्स, स्टोन्स आदि। इसमें मटेरिअल एक पॅकेट से दूसरे पॅकेट में देना या कोई नया मटेरिअल पुराने ही पॅकेट में क्लब करना संभव है।
  • हर एक नए एन्ट्री का नया पॅकेट तैयार कर सकते हैं।
  1. हर स्टॉक और उसका प्रकार, सही और विशिष्ट वर्क फ़्लो से रखना
  • प्रोक्युअरमेंट में आए हुए माल के लिए इन्फिनिटी सॉफ्टवेअर में इन्व्हर्ड मोड्यूल उपलब्ध है। पहले तो खरीदारी बल्क में कर सकते हैं। आया हुआ माल बारकोडिंग होने तक लूज फॉर्म में रहता है; जो लॉट मॅनेंजमेन्ट के जरिए संभाला जाता है। वही माल टेस्टिंग और रिचेकिंग के किये क्वालिटी चेक को भेजा जाता है। क्वालिटी चेकिंग के बाद सही माल का लेबलिंग होता है। लेबलिंग किया हुआ माल हॉल मार्किंग के लिए भेजा जाता है। इस प्रकार रिजेक्ट हुआ माल, क्वालिटी चेक ओके हुआ माल, लेबलिंग किया गया माल, ऐसा संबंधित लॉट का पूरा मूव्हमेंट किसी भी समय देखा जा सकता है। इस प्रकार हर एक विभागके स्टॉक पर अच्छा नियंत्रण रहता है। ॲक्मे इन्फिनिटी सॉफ्टवेअरमें न केवल आइटम अनुसार रिपोर्टिंग मिलता है, बल्कि लॉट के अनुसार भी रिपोर्टिंग मिलता है।
  • बारकोडिंग, प्रोक्युरमेंट के लॉट में ही होने के कारण, खरीद की क़ीमत, सप्लायर की जानकारी अपने आप उपलब्ध होती है, इसके कई सारे फायदे हैं।
  • पुराने सोने के लिए इन्फिनिटी सॉफ्टवेअर में रिफाइनिंग मॉड्यूल दिया गया है। जिसमें खरीदा हुआ पुराना सोना तीन प्रकार से वर्गीकृत होता है; जो आगे संबंधित लोकेशनपर भेजा जाता हैऔर वहाँ से मटेरिअल आगे मेल्टिंग, रिफाइनिंग और लॅब सॅम्पल टेस्टिंग के लिए भेजा जाता है।
  • यदि कोई गहना काउंटर पर डिसअसेम्बल किया जाता है, तो डिसअसेम्बल किया गया गहना और उसका अलग किया हुआ पार्ट, ऑटोमॅटिकली निश्चित किए हुए विशिष्ट लोकेशन को भेजे जाते हैं, जो वहाँ की संबंधित व्यक्ति अधिकृत करता है।
  • ऑर्डर का आइटम भी सिलेक्ट करने के बाद, ऑर्डर काउंटर पर (ऑर्डर की पेटी में) ट्रान्सफर होता है; जिसका भी ऑथोरायझेशन संबंधित व्यक्ति द्वारा होता है।
  1. हर रोज निश्चित अंतराल से और अलग अलग पद्धतियों से स्टॉक की जाँच करने के लिए
  • दिन के अंत में, बारकोड स्कॅन करके या RFID की सहायता से लिया हुआ आयटम अनुसार स्टॉक रिपोर्ट हूबहू टॅली किया जाता है। यह स्टॉक कंप्यूटर को फीड किया जाता है; जिससे वह सही है या नही यह कंप्यूटर चेक करता है और इस तरह, सिर्फ प्रिंटेड रिपोर्ट पर निर्भर न रहते हुए, हर एक काउंटर पर फिजिकल स्टॉक कितना है यह आसानी से समझ में आता है।
  • इन्फिनिटी सॉफ्टवेअर में दो प्रकार से फिजिकल स्टॉक टेकिंग करने की सुविधा है। पहले में बारकोड अनुसार गहना या आइटम स्कॅन होता है; जिसके लिए पोर्टेबल डिव्हायस से डायरेक्ट स्कॅन करके लेबल लिया जाता है। दूसरेमें वेइंग स्केल का उपयोग करके भी फिजिकल स्टॉक टेकिंग होता है। इस वजह से एक भी बारकोड याने गहना मिसींग हो तो वो तुरंत सामने आता है।
  • फिजिकल स्टॉक टेकिंग का शेड्यूल तैयार करके रख सकते हैं, जिसके जरिए योग्य समय पर योग्य शेड्यूल के अनुसार फिजिकल स्टॉक टेकिंग होता रहता है, तो इससे निश्चित अंतराल से (निर्धारित तरीकेसे) स्टॉक चेक होता रहता है, जिस कारण स्टॉक चेकिंग की चिंता करने की जरूरत नहीं रहती।

इस तरह, ॲक्मे इन्फिनिटीके इआरपी सॉफ्टवेअर में उपलब्ध विविध टूल्स के जरिए; ज्वेलरी व्यवसाय का क़ीमती स्टॉक किसी भी गडबडी के बिना हमेशा टॅली रहता है और उसके लिए अलग से समय निकालने जरूरत भी नहीं होती।