1. इस स्पर्धात्मक युग में, ज्वेलरी दुकान के मौजुदा ग्राहक दुकान से जुडे रहने के लिए क्या कीया जाए?
इस स्पर्धात्मक युग में, आपकी ज्वेलरी दुकान के मौजुदा ग्राहक आपसे जुडे रहने के लिये, ग्राहकोंके साथ होने वाले संबंधों को अधिक मजबूत बनाने की आवश्यकता है। और जो काम करने हेतु आगे बताई गई चार पद्धतीयों का अवलंब किया जा सकता है।
2. ज्वेलरी के व्यवसाय में कई छोटे छोटे और जटिल व्यवहार होते है। इसके अलावा सोने की किमत भी लगातार बदलती रहती है। इस वजहसे व्यवसाय का मुनाफा निर्धारित करना मुश्किल होता है। इसके लिए क्या करें?
ज्वेलरी व्यवसाय में होनेवाले छोटे छोटे जटिल व्यवहारों के कारण, इस धंदे में होनेवाला मुनाफा निर्धारीत करना मुश्किल तो है! लेकिन कूछ रिपोर्ट्स या स्टेटमेंट्स की ओर ध्यान दे और उनके अनुसार अभ्यासपूर्वक व्यावहारिक रूप से उसे अमल में लाते है तो व्यवसायकी लाभप्रदता केवल समझमें नही आती बल्की वह बढनेमें, निश्चित रूप से मदद भी मिलती है।
3. दुकानमें स्टॉक सहजतासे मेल ही नही खाता, हमेशा कुछ ना कुछ गडबडी होती ही है! यह गडबडी कैसे टाल सकते है?
सोना, चांदी, प्लैटिनम जैसे धातु (रॉ मटेरियल), छोटे नाजुक गहने, कलर स्टोन्स, लूज डायमंड्स (अलग अलग व्हरायटी और कीमत के), गिफ्ट आर्टिकल्स, ऐसा स्टॉक याने 'आकार छोटा पर किमत बडी!' इसलिए, कोई दोहराय नही के ज्वेलरी व्यवसायमें स्टॉक याने जोखीमभरा काम!
4. ज्वेलरी व्यवसाय के अकौंटिंग ऑडिट के लिए कितना भी प्रयास करें; देर तो होही जाती है। इस वजहसे अंतिम तारीख का तनाव, हमेशा बना ही रहता है। इसके लीए क्या करें?
वैसे देखा जाए तो ज्वेलरी व्यवसाय मे ऐसा होना स्वाभाविक है। क्यों की बाकी व्यवसायोंकी की तुलना में ज्वेलरी व्यवसाय में ग्राहक को लगातार और अधिक सतर्कता से सम्मुख होने की ज्यादा जरूरत होती है।
5. पुराने सोने का व्यवहार यह ज्वेलरी व्यवसाय का अविभाज्य अंग है। उस में वास्तव में कितना मुनाफा होता है? यह जांनने के लिए क्या करें?
ज्वेलरी व्यवसाय में बिक्री का एक बडा हिस्सा 'पुराने सोने के बदले में नए गहने देना' इस एक्स्चेंज सेल पर निर्भर रहता है। ऐसे पुराने सोने के व्यवहार में उसके फायदे तक पहुंचने के लिए निम्नलिखित चार चिजें करना आवश्यक है।
6. ज्वेलरी व्यवसाय में ऑडर के गहनों का फॉलोअप वक्तपर न होने के कारण ऐन समयपर गडबडी हो जाती है। इसे कैसे रोका जाए?
ज्वेलरी व्यवसाय में ऑर्डर के गहनों का फॉलोअप समय समय पर कर के, ग्राहक को निर्धारीत समय पर, निर्धारीत गुणवत्ता के और निर्धारीत बजेट में या उसके आसपास के बजेट में, गहने देना बहुत ही महत्त्वपूर्ण होता है। क्योंकी इससे, ग्राहक का आप के उपर का विश्वास मजबूत होने में मदद होती है।
7. ज्वेलरी व्यवसाय में रात को दुकान बंद करते समय, काम निपटानेमें बहूत समय लग जाता है। इसी कारण सबको ही घर जाने में देरी हो जाती है। क्या यह टाला जा सकता है?
हाँ! बिलकूल टाला जा सकता है!! वास्तव में ज्वेलरी व्यवसाय में दिन के अंत में करने के कामों की संख्या, बाकी व्यवसायों की तुलना में जादा होती है। जैसे की, हर दिन का हर कौंटर का, ऑर्डर बॉक्स का, डिसअसेंबल किए गए छोटे छोटे ज्वेलरी आयट्म्स का और ओल्ड गोल्ड के स्टॉक का मेल जमाना, साथ ही हर रोज की कॅश, आए हुए चेक्स, क्रेडिट कार्ड मशीन के रिपोर्टस का हिसाब लगाना आदि।
8. ज्वेलरी व्यवसाय मे महूरत के दिन; दुकान में ग्राहकों की बडी भीड होने से गडबड हो जाती है। क्या ऐसी भीड़ को आसानी से हॅन्डल के तरीके हैं?
हाँ! है ना!! किंतु इसके लिए; ज्वेलरी दुकान के कामकाज की पिढीगत पद्धतीओं में बदल करना यह पहला कदम होता है। उसके बाद; निम्नलिखित तरीकों को अमल में ला कर, ज्वेलरी दुकानो मे ग्राहकों की भीड आसानी से हॅन्डल होती है|
9. नई जगह पर,ज्वेलरी व्यवसाय मे ब्रँच निकालकर कारोबार का विस्तार करने का विचार है। तो एक से जादा ज्वेलरी शाखाओं का कामकाज कैसे करे?
आजकल ज्वेलरी व्यवसाय की नई शाखा खोलना या ब्रँच शुरू करना, पहले से बहुत आसान हुआ है। लेकिन उसके लिए निम्नलिखित मूल बातों को स्वीकार करना महत्वपूर्ण होता है।